Social Media का जादू: दिलचस्प जानकारी और प्रभावों का अन्वेषण

आजकल इंटरनेट ने हमारे जीवन को बदल दिया है, और इसका असर सबसे अधिक युवा पीढ़ी पर पड़ता है। इंटरनेट ने जिंदगी को सुविधाजनक बना दिया है, लेकिन क्या हम उसका सही तरीके से उपयोग कर रहे हैं? Social Media और ऑनलाइन गेमिंग का अनुभव करने के लिए अधिक से अधिक समय बिताने की वजह से हम खुद को एक बड़ी चुनौती के सामने पाए हैं।
भारत में इंटरनेट की मूल्य सार्थक रूप से कम होने के कारण, अधिकतर लोग इसका उपयोग करते हैं। देश में मोबाइल यूजर्स की संख्या करीब 100 करोड़ हो गई है, जिससे हमारा देश इंटरनेट प्रयोग करने में विश्व के अन्य देशों से Leader है। इसके बावजूद, इसका इंटरनेट का इस्तेमाल विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए चुनौतीपूर्ण हो रहा है, क्योंकि वे हर दिन लम्बे समय तक Social Media और गेमिंग प्लेटफॉर्म पर अधिक समय बिता रहे हैं।
विचारकों की राय
नवाचारी विचारक डॉ. सारथी शर्मा ने इस संदर्भ में यह कहा, “भारत में इंटरनेट की मूल्य सस्ती होने के कारण युवा लोग उसे अधिकतम उपयोग कर रहे हैं। Social Mediaके प्रभाव के बारे में चिंता की जा रही है क्योंकि यह बच्चों की अधिकतम समय की एक बड़ी भाग में हो रहा है।” वे यह भी जोड़ते हैं कि Social Media और गेमिंग से जुड़े रहने के Resulting Problems भी बढ़ रही हैं, जैसे कि अधिकतम आत्मविश्वास, ध्यान की कमी, और रिश्तों में संघटन।
एक राष्ट्रीय सर्वे की ताक़त
हाल ही में हुए एक राष्ट्रीय सर्वे में दिखाया गया है कि इस समस्या का मामूला गंभीर हो गया है। इस सर्वे में देश के करीब 50,000 माता-पिता शामिल थे, जिनमें से अधिकांश माता-पिता चिंतित हैं क्योंकि उनके बच्चे हर दिन अधिक से अधिक Social Media या गेमिंग प्लेटफॉर्म पर समय बिता रहे हैं। सर्वे में दिखा कि 9 से 17 वर्ष की आयु के दस में से प्रत्येक छठा युवा प्रतिदिन तीन घंटे से अधिक Social Media या गेमिंग प्लेटफॉर्म पर व्यतीत करते हैं।
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विभिन्न राज्यों की समस्या
यह चिंता की बात है कि यह समस्या भारत के विभिन्न राज्यों में प्रमुख है। उदाहरण के लिए, अकेले महाराष्ट्र से 17 फीसदी माता-पिता ने कहा कि उनके बच्चे हर दिन छह घंटे से अधिक समय तक ऑनलाइन रहते हैं। यही जवाब देश के 22 फीसदी उत्तरदाताओं ने भी दिए। केवल 10 फीसदी माता-पिता ने कहा कि Social Media या गेमिंग पर समय बिताने के बाद उनका बच्चा “खुश” महसूस करता है।
इससे प्रकट होता है कि अधिकांश माता-पिता चिंता में हैं और इस समस्या को सीधे समय पर संज्ञान नहीं लेते हैं, जिसका परिणामस्वरूप उनके बच्चों के दिनचर्या और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
Social Media का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
Spiritual और भौतिक स्वास्थ्य के अलावा, Social Media और ऑनलाइन गेमिंग का असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी होता है. नए शोध के अनुसार, यदि कोई बच्चा हर दिन Social Media पर 3 घंटे या इससे अधिक समय बिताता है, तो उसमें Depression देखा जा सकता है और उसके मानसिक स्वास्थ्य के भी नुकसान का गहरा खतरा होता है।
इसके अलावा, एक अन्य सर्वे ने दिखाया कि Social Media के साथ लंबे समय तक जुड़ा रहने के The Resulting:-Aggressive behavior,Impatience,Hyperactivity, और Depression जैसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। सर्वे के मुताबिक 9-18 साल के बच्चे अपने गैजेट्स के आदि हो गए हैं और इनके बिना रहना नहीं चाहते हैं। इनके Gadgets के हद से ज्यादा इस्तेमाल के कारण बच्चो में सिर दर्द, बैक पेन, और Depression की समस्या दिखने को मिल रही है।