
Bihar Police Paper Leak News: 70 गिरफ्तार, आंसर-की मैच, जानिए पूरी खबर!
बिहार केंद्रीय सिपाही चयन पर्षद (CSBC) के दावे टूट गए हैं। सिपाही भर्ती के 21391 पदों के लिए आयोजित हुई परीक्षा में रविवार को हुए दर्जनों गिरफ्तारियां नकल कर रहे थे, जिनमें से 5 छात्रों के पास आंसर-की भी थी। पटना में हुई इस Bihar Police Paper Leak News घटना का आंवशिक और मानव स्पर्श से जानिए विवरण।
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Bihar Police Paper Leak News – what actually happened?
सिपाही भर्ती के लिए बिहार में हुई परीक्षा ने छात्रों को एक नई उम्मीद और संघर्ष की शुरुआत दिलाई थी, लेकिन इस परीक्षा के बाद कुछ अनयायी छात्रों ने इसके नाम पर धोखाधड़ी की घटना को पैदा किया। BPSSC 2023 की ऑफिसियल वेबसाइट bpssc.bih.nic.in है
रविवार को हुई परीक्षा में बरामद आंसर-की और प्रश्न पत्र मैच होने के बाद यह पक्का हो गया कि प्रश्न पत्र पहले से ही बाहर आ चुका था। पुलिस छानबीन में जुट गई और चार स्कॉलर को पकड़ा गया, जिनके पास आंसर-की थी।
Disclosure of students matching answer key and question paper
दरअसल, पटना पुलिस ने रामकृष्णा नगर के भूपतिपुर में चार स्कॉलर को पकड़ा, जिनके पास आंसर-की बरामद हुई थी। इन आंसर-की में वे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार की माफिया के सदस्यों के साथ मिले।
सिपाही चयन परिषद (CSBC) की ओर से इस पेपर लीक की पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन यह नहीं हुआ। इसके बाद पुलिस छानबीन में यह जानकारी सामने आई कि सॉल्वर गैंग में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार के माफिया शामिल हैं।
Solver gang members have been caught in Jamui
इसके अलावा, जमुई के टाउन थाना क्षेत्र के कृष्णपट्टी मोहल्ले स्थित रामकृष्ण सिंह लॉज में बैठ कर अभ्यर्थिय
ों को हैंडल कर रहे एक गिरोह के सात सदस्यों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन गिरोह के सदस्यों में खैरा थाना क्षेत्र की सखीकुरा गांव निवासी पंकज कुमार, निलेश कुमार, अमन कुमार, अमर कुमार, दाबिल निवासी सोनू कुमार, सोनो थाना क्षेत्र के ढोंढ़री गांव निवासी सोनू कुमार, तथा टाउन थाना क्षेत्र के चौरा गांव निवासी विक्रम कुमार पिता रंजीत कुमार शामिल हैं।
बरामद बोरसी से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का है सिपाही चयन परिषद से संबंध?
इस दौरान पकड़े गए गिरोह के सदस्यों के पास से 2 वॉकी-टॉकी, 2 वॉकी-टॉकी चार्जर, एक हैंड होल्डर मेटल डिटेक्टर, 4 ब्लूटूथ डिवाइस, 7 एंड्राइड मोबाइल, नगद 75 हजार रुपय तथा 12 अभ्यर्थियों का मूल प्रमाण पत्र बरामद किया गया। इसके अलावा कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद हुए, जो इस मामले की गहराई को दर्शाते हैं।
इस पेपर लीक घटना की प्राधिकृतिक जांच की जा रही है
मामले की जांच की जा रही है और प्राधिकृतिक कदम उठाए जा रहे हैं। सिपाही चयन परिषद के दावों के तोड़फोड़ में जुटी पुलिस आंखों देख रही है, ताकि इस घटना के पीछे छिपी धोखाधड़ी की खोज हो सके।
Result of this chapter
सिपाही भर्ती की परीक्षा की प्राधिकृतिकता को खतरे में डालने वाले इस पेपर लीक घटना ने सिपाही भर्ती के इंतजार में बैठे छात्रों के लिए निराशा का सबब बना है। इस घटना को जल्दी से समाधान किया जाना चाहिए, ताकि बिहार के युवाओं को उनके सपनों की पुरी हो सके।
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Conclusion
बिहार पुलिस पेपर लीक समाचार ने छात्रों के सपनों को तोड़ दिया है। इस घटना से सिखने वाला हमें यही है कि उपयुक्त सुरक्षा और पारदर्शिता के बिना, किसी भी परीक्षा को सफलता नहीं मिल सकती। आज हम यहां खड़े हैं, बिहार के युवाओं के सपनों का साथ देने के लिए, और हम उनके साथ हैं, ताकि उनकी मेहनत और प्रयास सिर में उच्च उठा सकें।
सिपाही भर्ती की परीक्षा में अधिक जानकारी के लिए बने रहें, हम आपको समाचार अपडेट करेंगे।
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